परिवर्तन सदैव संभाव्य रहता है। साहित्य सृजन एवं रचनाशीलता देश, काल एवं परिस्थितियों पर आधारित रहती है। सामाजिक संकट जब मानसिक अवरोध का कार्य प्रारंभ कर दे ऐसे समय में साहित्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोरोना काल ने साहित्य के वृहद कालखण्ड के साथ अपनी क्रूर भूमिका दर्ज की है। ऐसे संकट के दौर में "हमरंग डॉट कॉम" ने साहित्यिक सरोकारों के साथ साहित्य कला एवं अभिव्यक्ति का मंच उपलब्ध कराया। इतना ही नहीं इस मंच पर कहानी पाठ करने वाले रचनाकारों की कहानियों को एक साथ चार खण्डों में प्रकाशित कर साहित्य भंडार में श्रीवृद्धि की है। इन खण्डों में नई उम्र के युवा कहानीकारों की कहानियों के साथ-साथ वरिष्ठ कहानीकारों की कहानियों को समाहित कर अलहदा प्रस्तुति की है। ये खण्ड ऐतिहासिक हैं, शोधार्थियों के लिए मील के पत्थर का काम करेंगे। हनीफ मदार जी, अनिता चौधरी जी एवं जितेंद्र पात्रो के श्रम से बना ये दस्तावेज बहुत प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय बनेगा। बारह किस्से टन्न में 12 कहानियों को सम्मिलित कर युवा, वरिष्ठ युवा एवं लब्धप्रतिष्ठ कहानीकारों की कहानियों को एक साथ एक मंच उपलब्ध कराकर कहानी सागर का स्वरूप प्रदान कर दिया है। कहानियों को बाहुल्य संख्या में देखा और सुना गया। अपने प्रिय कहानीकारों को सुनने के बाद उनकी कहानियों को शब्दशः पढ़ना गूंगे के गुड़ की भाँति अव्यक्त अनुभूति से लबरेज हो गए हैं। हमरंग के ये खण्ड कहानी साहित्य की अनमोल धरोहर ही नहीं कहानी के ऐतिहासिक ग्रन्थ हैं। कई वर्षों तक कहानी के ये महाकाव्यात्मक खण्ड हमारे मनोमस्तिष्क पर अपनी छवि अंकित किये रहेंगे। आप सभी से आग्रह है इस महासमुद्र के मंथन से कहानी का अमृत पान अवश्य करें।.