Religion & Spirituality

Items

Religion & Spirituality

Home/ Religion & Spirituality / Jeevan Rahasya -जीवन रहस्य Hardcover By Osho

Product details

  • Condition Note:
  1. 100% original used books in good condition at half the price, with minor signs of usage.
  2. No pen/pencil marks and the condition is good.

 

About the Book:

इस पुस्तक का पहला प्रश्न ‘लोभ’ से शुरू होता है जिसके उत्तर में ओशो कहते हैं कि साधना के मार्ग पर ‘लोभ’ जैसे शब्द का प्रवेश ही वर्जित है क्योंकि यहीं पर बुनियादी भूल होने का डर है। फिर तनाव की परिभाषा करते हुए ओशो कहते हैं—"सब तनाव गहरे में कहीं पहुंचने का तनाव है और जिस वक्त आपने कहा, कहीं नहीं जाना तो मन के अस्तित्व की सारी आधारशिला हट गई।" फिर क्रोध, भीतर के खालीपन, भय इत्यादी विषयों पर चर्चा करते हुए ओशो प्रेम व सरलता—इन दो गुणों के अर्जन में ही जीवन की सार्थकता बताते हैं। अनुक्रम #1: परमात्मा को पाने का लोभ #2: मौन का द्वार #3: स्वरूप का उदघाटन #4: प्रार्थना : अद्वैत प्रेम की अनुभूति #5: विश्वास—विचार—विवेक #6: उधार ज्ञान से मुक्ति #7: पिछले जन्मों का स्मरण #8: नये वर्ष का नया दिन #9: मैं कोई विचारक नहीं हूं #10: मनुष्य की एकमात्र समस्या : भीतर का खालीपन #11: प्रेम करना ; पूजा नहीं #12: धन्य हैं वे जो सरल हैं
 
  • Author ‏ : ‎ Osho
  • ASIN ‏ : ‎ B0B96KXPMH
  • Language  :  Hindi
  • Publisher ‏ : ‎ Divyansh Publications (1 January 2022)
  • Hardcover ‏ : ‎ 216 pages

Jeevan Rahasya -जीवन रहस्य Hardcover By Osho

You save ₹300
Select condition
badge
badge
badge

Product details

  • Condition Note:
  1. 100% original used books in good condition at half the price, with minor signs of usage.
  2. No pen/pencil marks and the condition is good.

 

About the Book:

इस पुस्तक का पहला प्रश्न ‘लोभ’ से शुरू होता है जिसके उत्तर में ओशो कहते हैं कि साधना के मार्ग पर ‘लोभ’ जैसे शब्द का प्रवेश ही वर्जित है क्योंकि यहीं पर बुनियादी भूल होने का डर है। फिर तनाव की परिभाषा करते हुए ओशो कहते हैं—"सब तनाव गहरे में कहीं पहुंचने का तनाव है और जिस वक्त आपने कहा, कहीं नहीं जाना तो मन के अस्तित्व की सारी आधारशिला हट गई।" फिर क्रोध, भीतर के खालीपन, भय इत्यादी विषयों पर चर्चा करते हुए ओशो प्रेम व सरलता—इन दो गुणों के अर्जन में ही जीवन की सार्थकता बताते हैं। अनुक्रम #1: परमात्मा को पाने का लोभ #2: मौन का द्वार #3: स्वरूप का उदघाटन #4: प्रार्थना : अद्वैत प्रेम की अनुभूति #5: विश्वास—विचार—विवेक #6: उधार ज्ञान से मुक्ति #7: पिछले जन्मों का स्मरण #8: नये वर्ष का नया दिन #9: मैं कोई विचारक नहीं हूं #10: मनुष्य की एकमात्र समस्या : भीतर का खालीपन #11: प्रेम करना ; पूजा नहीं #12: धन्य हैं वे जो सरल हैं
 
  • Author ‏ : ‎ Osho
  • ASIN ‏ : ‎ B0B96KXPMH
  • Language  :  Hindi
  • Publisher ‏ : ‎ Divyansh Publications (1 January 2022)
  • Hardcover ‏ : ‎ 216 pages

You may also like
© 2023, Bookplanet.in
Home
Shop
Bag
Account